An Unbiased View of shiv chalisa in hindi
An Unbiased View of shiv chalisa in hindi
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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।
चंदन more info मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा
संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि more info को देख नाग मुनि मोहे॥
लै त्रिशूल शत्रुन को Shiv chaisa मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥